मेरे यहां पोता नहीं पोती हुई है। जिसकी खुशी हमने थाली बजाकर जाहिर की थी। मेरे यहां पोता नहीं पोती हुई है। जिसकी खुशी हमने थाली बजाकर जाहिर की थी।
मन से खुश रहेंगे तभी तो अपने आसपास भी खुशियां फैलाएंगे। मन से खुश रहेंगे तभी तो अपने आसपास भी खुशियां फैलाएंगे।
चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया... चुल्लू भर पानी में डूब मरो* ये कहकर बोले आज से हमारा तुम्हारा संबंध खत्म हो गया....
अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को दिन में चली जाना! ... अब उसे माँ की बातें याद आने लगी। कहा था न माँ ने, "आज शाम को मत जाओ! रविवार को...
और हवा खामोश हो गई और हवा खामोश हो गई
लू लू कुछ न कुछ सोचता जरूर है। लू लू कुछ न कुछ सोचता जरूर है।